The Basic Principles Of sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंडबिहारहरियाणाराजस्थानमहाराष्ट्रगुजरातमध्य प्रदेशझारखंडछत्तीसगढ़दिल्ली एनसीआरपंजाब
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
She that has the shape of your sound hoom she that has sound just like a thunderbolt Oh Goddess of The nice, salutations and salutations to you personally.
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका sidh kunjika स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ